ई-इन्वॉइसिंग - आब 20 करोड़के सप्पलाई पर 1 अप्रैल 2022 सँ लागू कयल गेल अछि, तखनि मानि लिअ जे आब ई-इन्वॉइसिंग सेवा तथा व्यवसायके बहुत पैघ हिस...
ई-इन्वॉइसिंग - आब 20 करोड़के सप्पलाई पर 1 अप्रैल 2022 सँ लागू कयल गेल अछि, तखनि मानि लिअ जे आब ई-इन्वॉइसिंग सेवा तथा व्यवसायके बहुत पैघ हिस्साके कवर करय वाला अछि तथा लागैत अछि एकर बाद एकर सीमा कम कयल जा सकैत छै। ताहि लेल इ जरूरी भ' गेल अछि जे अहिके विस्तार सँ बुझी किएक त इ प्रावधान जे शुरू मे 500 करोड़ टकाके टर्नओवर पर लागू भेल छल से 100 करोड़ टका भेल फेर 50 करोड़ टका भ' गेल आ आब 20 करोड़ तक पहुंच गेल अछि, तँ भ' सकैत अछि जे आबय वाला समयमे एहि सीमाके आओर कम कएल जा सकैत अछि!
1. ई- इन्वॉइसिंग की छै?
ई- इन्वॉइसिंग जनिका लेल एप्लीकेबल छै ओ जखनि इनवॉइस बनओता तखनि ओहि इनवॉइसके सभटा डिटेल्स ई- इन्वॉइसिंगके पोर्टल पर अपलोड करय पड़तएन। ओतय सँ IRN, क्यूआर आदि प्राप्त होयत जकरा इनवॉइस पर प्रिन्ट करय पड़त।
2. ई- इन्वॉइसिंग पोर्टल की छै?
ई- इन्वॉइसिंग पोर्टल https://einvoice1.gst.gov.in/ अछि एतय सँ ई-इनवॉइस बनायल जायत छै। एतय अपन इनवॉइस विवरण भरयके रहैत छै, आओर एतय सँ IRN आओर QR कोड आदि प्राप्त कयल जायत छै।
3. ई- इन्वॉइसिंग ककरा लेल अनिवार्य छै?
एखनि ई-इनवॉइस हुनका सभलेल अनिवार्य छन्हि जनिकर वित्तीय वर्ष 2017-18 सँ लय कय पछिला वित्तीय वर्षमे एग्रीगेट टर्नओवर 20 लाख टका अथवा ओहि सँ बेसी छै।
4. एग्रीगेट टर्नओवरमे कोन तरहक बिक्रीके गिनती कयल जायत छै?
एग्रीगेट टर्नओवरमे सभ तरहक बिक्री सम्मिलित रहैत छै चाहे ओ टैक्सेबल हुए अथवा नॉन टैक्सेबल हुए अथवा एडजेम्टेड बिक्री हुए सभकेँ जोड़ि कय एग्रीगेट टर्नओवर निकालल जायत छै।
5. की नॉन टैक्सेबल आओर एडजेम्टेड वस्तु लेल सेहो ई-इनवॉइस निकालय पड़तय?
ना, नहि निकालय पड़तय।
6. की सभटा इनवॉइस ई-इनवॉइस निकालय पड़तय?
नहि सभटा इनवॉइसके ई-इनवॉइसमे नहि निकालय पड़त। मात्र B2B (समान खरीदय वलाके सेहो GST संख्या होइ) हुनके लेल ई-इनवॉइस करय पड़त।
7. ई-इनवॉइस बनलाके बाद कैंसिल कयल जा सकैछ?
ई-इनवॉइस बनलाके बाद 24 घंटामे रद्द कयल जा सकैछ, 24 घंटाके बाद ई-इनवॉइस रद्द नहि कयल जा सकैछ।
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