सरकार इ इन्वॉइसक सीमा 10 करोड़ टाकासँ घटा कऽ 5 करोड़ रुपया कऽ देलक अछि। एकर अर्थ अछि जे 5 करोड़ टाकासँ बेसी मुदा 10 करोड़ टाकासँ कम वार्षि...
सरकार इ इन्वॉइसक सीमा 10 करोड़ टाकासँ घटा कऽ 5 करोड़ रुपया कऽ देलक अछि। एकर अर्थ अछि जे 5 करोड़ टाकासँ बेसी मुदा 10 करोड़ टाकासँ कम वार्षिक कुल कारोबार वला सभ व्यवसायकेँ 1 अगस्त, 2023 सँ सभ B2B लेनदेनक लेल ई-चालान उत्पन्न करय पड़त।
जी.एस.टी. अनुपालनक दक्षतामे सुधार आ कर चोरीकेँ रोकबाक लेल 2020 मे इ इन्वॉइस प्रणाली शुरू कयल गेल छल। एकरा लेल व्यवसायसभकेँ एकटा निश्चित कारोबार सीमासँ ऊपर सभटा B2B लेनदेनक लेल इलेक्ट्रॉनिक बिल बनेबाक आवश्यकता छैक।
इ इन्वॉइसक लेल टर्नओवर सीमामे कमीसँ पैघ संख्यामे व्यवसायकेँ प्रभावित होयबाक सम्भावना अछि। यद्यपि, सरकार कहलक अछि जे एहि कदमसँ जी.एस.टी. अनुपालनक दक्षतामे आओर सुधार आ कर चोरीकेँ रोकबामे सहायता भेटत।
नवका इ इन्वॉइस सीमा केर संबंधमे एतय किछु मुख्य बिंदु अछि:
नवका सीमा 1 अगस्त 2023 सँ लागू होएत।
- 5 करोड़ टाकासँ बेसी मुदा 10 करोड़ टाकासँ कम वार्षिक कुल कारोबार वला सभ व्यवसायकेँ सभ बी२बी लेनदेनक लेल इ इन्वॉइस बनाबय पड़त।
- चालान सरकारक इ इन्वॉइस पोर्टलक माध्यमसँ अथवा कोनों दोसर सॉफ्टवेयरके माध्यम सँ बनाबय पड़त ।
- जे व्यवसाय नव सीमासँ बेसी बी२बी लेनदेनक लेल ई-चालान उत्पन्न करबामे विफल रहत ओकरा दण्डक लेल उत्तरदायी होयत।
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