GSTR-9 तथा GSTR-9C वार्षिक रिटर्न – नियम, सीमा आ अंतिम तिथि (2024-25) वस्तु आ सेवा कर (GST) कानून अंतर्गत प्रत्येक पंजीकृत करदात...
GSTR-9 तथा GSTR-9C वार्षिक रिटर्न – नियम, सीमा आ अंतिम तिथि (2024-25)
वस्तु आ सेवा कर (GST) कानून अंतर्गत प्रत्येक पंजीकृत करदाता लेल वार्षिक रिटर्न दाखिल करनाइ एकटा महत्वपूर्ण कानूनी दायित्व अछि। वित्तीय वर्ष 2024-25 लेल GSTR-9 तथा GSTR-9C सँ संबंधित नियम, टर्नओवर सीमा आ फाइलिंग प्रक्रिया बुझनाइ अत्यंत आवश्यक अछि।
GSTR-9 फाइल करबाक अनिवार्यता
यदि कोनो करदाता के कुल वार्षिक टर्नओवर ₹2 करोड़ अथवा ₹2 करोड़ सँ बेसी अछि, त ओकरा लेल GSTR-9 वार्षिक रिटर्न फाइल केनाइ अनिवार्य अछि। GSTR-9 मे पूरे वित्तीय वर्ष भरि के बिक्री, खरीद, टैक्स देयता, टैक्स भुगतान आ इनपुट टैक्स क्रेडिट के समग्र विवरण दैत पड़ैत अछि।
GSTR-9C फाइल करबाक आवश्यकता
यदि करदाता के कुल वार्षिक टर्नओवर ₹5 करोड़ अथवा ₹5 करोड़ सँ बेसी अछि, त ओ करदाता लेल GSTR-9 केँ संग-संग GSTR-9C फाइल केनाइ सेहो अनिवार्य अछि।
GSTR-9C एकटा रिकन्सिलिएशन स्टेटमेंट अछि, जाहि मे बही-खाता (Balance Sheet एवं Profit & Loss Account) आ GST रिटर्न मे दैल गेल आँकड़ा के आपसी मिलान कएल जाइत अछि। एहि सँ टैक्स रिपोर्टिंग मे पारदर्शिता सुनिश्चित होइत अछि।
वित्तीय वर्ष 2024-25 लेल अंतिम तिथि
वर्ष 2024-25 लेल GSTR-9 तथा GSTR-9C फाइल करबाक अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2025 निर्धारित अछि।
यदि नियत तिथि तक वार्षिक रिटर्न फाइल नहि कएल गेल, त प्रतिदिन के हिसाब सँ लेट फीस (Late Fee) लागैत अछि, जे कानून अनुसार अधिकतम सीमा तक पहुँच सकैत अछि।
PAN आधारित टर्नओवर सीमा के नियम
GST कानून अंतर्गत टर्नओवर सीमा PAN आधारित होइत अछि। अर्थात, यदि एकटा PAN पर कुल टर्नओवर निर्धारित सीमा (₹2 करोड़ या ₹5 करोड़) पार भ जाइत अछि, त ओ PAN सँ संबंधित सभ GST रजिस्ट्रेशन लेल वार्षिक रिटर्न फाइल करनाइ आवश्यक भ जाइत अछि।
अलग-अलग राज्य मे बिजनेस होय पर नियम
यदि करदाता के अलग-अलग राज्य मे व्यवसाय अछि, त सभ राज्य के टर्नओवर जोड़ि कए कुल टर्नओवर देखल जाइत अछि।
यदि अलग-अलग राज्य मे अलग GST नंबर (GSTIN) लेल गेल अछि, त—
- प्रत्येक GSTIN लेल अलग-अलग GSTR-9 फाइल करनाइ पड़त
- भले कियो एक राज्य मे टर्नओवर सीमा पार नहि भेल हो
- यदि PAN स्तर पर सीमा पार भ गेल अछि, त सभ GSTIN लेल रिटर्न अनिवार्य अछि
वार्षिक रिटर्न फाइल करबाक लाभ
- GST रिकॉर्ड पूर्ण आ पारदर्शी बनैत अछि
- भविष्य मे विभागीय नोटिस के संभावना कम होइत अछि
- गलत ITC दावा अथवा टैक्स अंतर समय रहते सुधारल जा सकैत अछि
- बैंक, टेंडर आ कानूनी जाँच मे सुविधा भेटैत अछि
निष्कर्ष
संक्षेप मे कहल जाय त—
- ₹2 करोड़ अथवा अधिक टर्नओवर पर GSTR-9 अनिवार्य अछि
- ₹5 करोड़ अथवा अधिक टर्नओवर पर GSTR-9 आ GSTR-9C दुनू अनिवार्य अछि
- टर्नओवर PAN आधारित गणना होइत अछि
- अलग-अलग राज्य मे GSTIN होय त सभ लेल रिटर्न फाइल करनाइ पड़त
- अंतिम तिथि: 31 दिसम्बर 2025
समय पर सही ढंग सँ वार्षिक GST रिटर्न फाइल केनाय न केवल कानूनी बाध्यता अछि, बल्कि व्यवसायिक विश्वसनीयता के मजबूत आधार सेहो अछि।

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